विषयः V मुख्यविषयः IV – पि वि इ एस् 10304 व्याकरणम्
विषयप्रयोजनानि |
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वि प्र 1 |
संस्कृतव्याकरणे सूत्रसंप्रदायस्य तथा प्रक्रियासंप्रदायस्य प्राधान्यं विजानाति। |
वि प्र 2 |
पदव्यवस्थां जानाति। |
वि प्र 3 |
पदपदार्थसंबन्धम् अवगच्छति। |
वि प्र 4 |
विभक्तीनां लकाराणां च प्रयोगविशेषान् विजानाति। |
वि प्र 5 |
व्याकरणविशेषान् विजानाति। |
वि प्र 6 |
आत्मनेपदपरस्मैपदलकारार्थकारक विधायकानि पाणिनीयसूत्राणि विजानाति। |
वि प्र 7 |
उपसर्गयोगे तिङन्तानां रूपभेदान् विजानाति। |
विषयविभागः
सिद्धान्तकौमुद्यां आत्मनेपद परस्मैपद लकारार्थ कारक प्रकरणानि।
प्रथमांशः - व्याकरणशास्त्रपरिचयः, लकारार्थश्च ।
द्वितीयांशः - कारकप्रकरणम्।
तृतीयांशः - आत्मनेपदप्रकरणम्।
चतुर्थांशः - परस्मैपदप्रकरणम्।
वि प्र |
विषयप्रयोजनानि |
प्र प्र/ प्र वि प्र |
धार |
अ स्व |
वर्गः कालांशः |
मूल्याङ्कनम्
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वि प्र 1 |
संस्कृतव्याकरणे सूत्रसंप्रदायस्य तथा प्रक्रियासंप्रदायस्य प्राधान्यं विजानाति। |
प्र प्र 1,3 |
ज्ञा |
परि |
10 |
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वि प्र 2 |
पदव्यवस्थां जानाति। |
प्र प्र 1,3 |
ज्ञा |
परि |
10 |
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वि प्र 3 |
पदपदार्थसंबन्धम् अवगच्छति। |
प्र प्र 1,3 |
ज्ञा |
परि |
10 |
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वि प्र 4 |
विभक्तीनां लकाराणां च प्रयोगविशेषान् विजानाति। |
प्र प्र 1,3 |
ज्ञा |
परि |
15 |
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वि प्र 5 |
व्याकरणविशेषान् विजानाति। |
प्र प्र 1,3 |
ज्ञा |
परि |
7 |
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वि प्र 6 |
आत्मनेपदपरस्मैपदलकारार्थकारक विधायकानि पाणिनीयसूत्राणि विजानाति। |
प्र प्र 1,3 |
ज्ञा |
परि |
10 |
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वि प्र 7 |
उपसर्गयोगे तिङन्तानां रूपभेदान् विजानाति। |
प्र प्र 1,3 |
ज्ञा |
परि |
10 |
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- Teacher: Dr.K.Remadevi Amma iamrema@ssus.ac.in
- Teacher: Dr. T.G Sreekumar SSUS